राज्य में 2881 डॉक्टरों की पोस्ट, 2581 डॉक्टर कार्यरत : उच्च शिक्षा मंत्री

देहरादून। सदन में कार्यवाही शुरू होते ही विधायक हरीश धामी ने सवाल किया। उन्होंने सवाल किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पतालों में सुविधाओं पर सरकार क्या काम कर रही है? पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पतालों में सुविधाओं पर किए विपक्ष के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 2881 डॉक्टरों की पोस्ट हैं, जिनमें से 2581 डॉक्टर कार्यरत हैं। सरकार ने दो बार बैकलॉग के पदों का विज्ञापन जारी किया है। अभी 276 पद भरे जाने हैं। पर्वतीय क्षेत्र में 1896 में से 1182 चिकित्सक हैं। 716 बांडधारी और संविदा पर हैं। बागेश्वर में 107 में से 74 स्थायी, 57 बांडधारी चिकित्सक हैं। 131 हैं। चंपावत में 111 में से 129 डॉक्टर काम कर रहे अल्मोड़ा में 302 पद के सापेक्ष 16 डॉक्टर ज्यादा हैं।

पिथौरागढ़ में 174 पद के सापेक्ष 84 स्थायी, 45 बांड वाले मिलाकर 129 काम कर रहे हैं। 16 की कमी है। राज्य में 48 से 50प्रतिशत स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। हमने दो साल में 400 से ज्यादा डॉक्टरों को पीजी करने भेजा है। इस कारण जो बच्चा पीजी में गया है, उसकी वजह से रिक्ति हैं। इस साल करीब 40 पीजी डॉक्टर आने वाले हैं। हम 3 साल में 100प्रतिशत पीजी डॉक्टरों की नियुक्ति करने जा रहे हैं। 2025-26 में पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज शुरू करने जा रहे हैं।

विधायक वीरेंद्र जाती ने सवाल किया कि राज्य में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण नीति कब तक आएगी। इस पर मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 17 हजार सरकारी, 5000 प्राइवेट स्कूल हैं। राज्य की धारणा है कि यहां की स्कूली शिक्षा बहुत अच्छी है। इस पर मंथन किया गया था, कि फीस निर्धारण करें लेकिन तब देखा गया कि यहां देश और विदेश के कई नामी स्कूल हैं। केंद्र सरकार ने भी ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है।अगर सभी विधायक चाहें कि हमें कोई नीति बनानी चाहिए, तो उस पर विचार किया जाएगा।

विधायक वीरेंद्र जाती ने सवाल किया कि अपात्र लोगों को सहकारी समितियों का ऋण बांटा गया है। यूपी के लोगों को भी लोन दिए गए, क्या इसकी जांच होगी? इस पर मंत्री धन सिंह ने कहा कि राज्य में 10,33,221 लोगों को हम बिना ब्याज ऋण दे चुके हैं। कॉपरेटिव की नियमावली के हिसाब से ऋण दिया जाता है। अगर कहीं गलत ऋण बांटा गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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