ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू द्वारा वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रदेश अध्यक्ष,अखिल भारतीय समाचार पत्र एसोसिएशन ,उत्तराखंड को तीन दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया कांफ्रेंस में गेस्ट स्पीकर के रूप में व्याख्यान हेतु आमंत्रण

SELF EMPOWERMENT- KEY EXCELLENCE IN MEDIA PROFESSION ”
आत्म सशक्तिकरण -मिडीया पेशे में उतकृस्टता।
आदरणीय ,

ॐ शांति ,आज ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने मुझे “सेल्फ एम्पावरमेंट–की, एक्सीलेंस इन मीडिया प्रोफेशन विषय पर बोलने का अवसर प्रदान किया है ,इसके लिए मै तहदिल से अपना आभार प्रकट करता हूँ।भारत सर्वाधिक आबादीवाला विश्व का सबसे बडा लोक तंत्र देश है। यहाँ कार्यपालिका ,विधायिका एवम न्यायपालिका के बाद, मीडिया चौथा सतम्भ है ,किंतु मीडिया पेशे की जिम्मेदारी समाज में सिर्फ सूचना /खबर तक देना नहीं हैं बल्कि इस प्रोद्योकि क्रांति युग में ,ख़बर की सत्यता की खोज,अन्वेषण एवं परिक्षण कर प्रस्तुत करना बड़ी चुनौती है।यहाँ जब हम मीडिया की बात करते हैं तो इसकी ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि में पाते हैं कि प्रिंट मीडिया का इतिहास सबसे पुराना है ,वर्ष 1450 जब JOHANNES GATENBURG ने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया ,तब से माने तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, और इसी दौर से यह कहावत हैं कि” PEN IS MIGHTER THAN SWORD.’किन्तु वर्तमान में प्रिंट मीडिया के साम ने बड़ी चुनौतियां है, इसमें डिजिटल मीडिया का होना, ऑन लाइन शिक्षा, विज्ञापन OTT प्लेटफार्म हैं, इन चुनौतियों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,सोशल मीडिया आदि भी अछूते नहीं हैं। जब हम मीडिया प्रोफेशनल की चर्चा कर रहे हैं , तो इसमे वे समस्त लोग आते हैं जो कंपनी की संचार टीम ( Communication)से जुड़े हैं, ब्रांड इमेज बनाते हैं, मार्केटिंग करते हैं वे भी इसके पार्ट हैं जबकि मीडिया प्रोफेशन में , T.V, Radio, FILM AND VIDEO, Digital Media,Games,Jounalism,Writing and publishing,P.R and Media Practice आदि हैं।

1.आज मीडिया के सामने और भी चुनोतिया हैं इसमें ,पारदर्शिता का अभाव , कार्य करने की अवधि , ,सुरक्षा बड़ी चुनौती हैं इसमें मीडिया प्रोफेशनल्स की गुणवत्ता का समाहित किये जाने की भी बड़ी चुनौती है। इसके कारण मीडिया को कभी कभी बड़ी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता हैं ,जिसके कुछ उदारहरण यह हैं।यहाँ , जॉर्ज सोरोस , Hungury American, basd Businessman and Philonthropist,जो दुनियाँ की जानी मानी हस्ती है और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन चलाते हैं। इसी फाउंडेशन के माध्यम से लिबरल पोलिटिकल उद्देश्य को लेकर धन खर्च करते है ,किन्तु वास्तविकता से हम परिचित है , और किस तरह देश में इनके द्वारा मीडिया को दो धड़ो में बांट कर अस्थिरता का प्रयास हो रहा हैं किंतु मुख्य मीडिया में इसकी चर्चा ना के बराबर है ।

2 . ऐसे ही ,बी बी सी हैं , जो एक विदेशी मीडिया हैं एवं निष्पक्ष पत्रकारिता का बोर्ड लगाकर रहता अनेक वर्षो से काम कर रहा हैं और प्राय चर्चा में रहता हैं ,मीडिया सामग्री को लेकर और इसी सन्दर्भ में गुजरात की 2002 की घटना को लेकर तथ्यहीन डॉक्यूमेंट्री बनाकर अस्थिरता का माहौल बनाने का प्रयास किया जिसमे यहीं के कतिपय ,राजनेताओ ,पत्रकारों एवं LSGB की संलिप्ता थी और सरकार ने रोक भी लगायी। , यही नहीं सरकार द्वारा टैक्स की चोरी Tax evasion को लेकर रेड भी हुयी और 2019 के फेमा नियमो के अंतर्गत ,दोषी होना स्वीकार किया गया है किन्तु यह समाचार मैन मीडिया से गायब है।

3 .इसी तरह अमृत पाल सिंह ,वारिस पंजाब दे के चीफ ,जो 2012 से दुबई में ट्रान्सपोर्टेर का कारोबार के साथ ,अलग राज्य बनाने के प्लान की साजिस में लिप्त था , बाद में जॉर्जिया से भिंडरेवाल की शक्ल की कॉस्मेटिक सर्जरी कराकर भारत आया। पंजाब के पुलिस स्टेशन को घेरकर बंदीओ को छुड़ाया गया और पडोसी राज्य से मिलकर अवैध हथियार ,ड्रग्स आदि की तस्करी के धंधे में संलिप्ता देखी गयी ,बाद में पुरे पंजाब की पुलिस को गिरफ्तार करने के लिए लगाया गया तो मीडिया में गिरफ्दारी की फेक ख़बर दिन भर चली और शाम होते होते बताने लग गए कि पुलिस ने अभी इसकी पुस्टि नहीं की। अतः इतना संवेदन सील समाचार का दिन भर चलना ,यह मीडिया का स्ट्रेस /दबाव हैं और इसके लिए आत्म सशक्तिकरणण का होना आवष्यक हैं।आत्म सशक्तिकर्ण क्या हैं पहले यह जानना आवश्यक है। “ आत्म सशक्तिकरण ,आत्मा को शक्तिशाली बनाना है,इसके लिए विश्व में ब्रहमाकुमारीज से बड़ा कोई पॉवर हाउस नहीं है। इस ,संस्था ने विश्व केें 140 देशों में विस्तार किया हैं एवं 10000 से अधिक सेंटर हैं जहां राजयोग का ज्ञान सिखाया जाता हैं।मीडिया प्रोफेशनल्स अत्यधिक तनाव में होते हैं , ऐसे में मेमेडिटेशन/राजयोग सोने मे सुहागा का काम करता है। काम के घंटो में ही कुछ समय निकालकर एकांत में बैठकर ,स्वमान ये स्वमान का अभ्यास करें। ,

1. मैं अपनी किस्मत का स्वयं निर्माता हू और ,निर्णय लेने में स्वतंत्र हू।

2. मैं सभी परिस्थितियों में कार्य कर सकता हु।

3. मैं अपने विश्वाश एवं आत्म सम्म्मान की रक्षा करने में समर्थ हूँ।

4. मैं अपनी ताकत एवं कमियों से वाकिफ हूँ।

5. मैं अपने टारगेट प्राप्त करने में सक्षम हू।

6. मै अपने को आवस्यकता अनुसार तैयार करने में सक्षम हू।

7. मेरे अंदर पर्याप्त सक्ति का संचार हैं।

जैसे ही एकाग्र होकर हम अभ्यास करेंगे ,मन का भटकना बंद होगा और आप स्ट्रेस के मुक्त होकर नयी ऊर्जा ,सक्ति का संचार महसूस करेंगे जो आपकी नकारात्मा को सकरात्मा की और लें जाएगी। इसी से आत्म -सशक्तिकरण होगा और अपनी इच्छानुसार परिणाम प्राप्त करने में सफल होंगे।

ॐ शांति।

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