प्रेस को बाधित करने का कोई भी प्रस्ताव अवीकार्य होगा – आई ए पी एम

देहरादून – भारत वर्ष के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय (आरएनआई) द्वारा एक एडवाइजरी (सं. 2 ऑफ 2023) फाइल नं. 607/3/2017/एनपीसीएस-पार्ट दि. 25.09.2023 को अपनी वैबसाइट पर जारी की है जिसके द्वारा प्रकाशकों से प्रकाशन के 48 घंटों के अन्दर समाचार पत्र/पत्रिका की प्रति आरएनआई कार्यालय अथवा पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) में संदेशवाहक अथवा डाक द्वारा जमा करना अनिवार्य किया है,साथ ही पीआरबी एक्ट, सेक्सन 11ए व 11बी में विनिर्दिष्ट समाचार पत्र/पत्रिका की प्रति 48 घंटों के अन्दर जमा न कर पाने की स्थिति में पीआरबी एक्ट 1867 के सेक्शन 13 , जन विश्वास एक्ट, 2023 द्वारा संशोधित के अनुसार रू. 2000/- जुर्माना तथा इसे प्रकाशन निलंबन/रद्द किये जाने का आधार मानने का प्रावधान किया गया है।

उक्त के संबंध में हमारी निम्नलिखित आपत्तियां हैं कि-

1. देश की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग प्रदेशों में भिन्न-भिन्न हैं। देश में पर्वतीय इलाके के साथ साथ दूर दराज तथा नोर्थ-ईस्ट के सीमाक्षेत्र भी है, जहां 48 घंटों के अन्दर संदेशवाहक अथवा डाक द्वारा समाचार पत्र/पत्रिका की प्रति जमा करा पाना असंभव है ,कारण सैंकडों किलोमीटर की दूरी पर प्रदेश राजधानी अथवा आरएनआई कार्यालय / पत्र सूचना कार्यालय स्थित हैं।
2. समाचार पत्रों की सामान्य डाक से प्रदेश की राजधानी में स्थित आरएनआई कार्यालय अथवा पत्र सूचना कार्यालय में 48 घंटों के भीतर समाचार पत्र/पत्रिका की प्रति पहुंच पाना असंभव है। डाक विभाग के स्पीड पोस्ट द्वारा भी किसी पत्रों की डिलीवरी 48घंटों के अन्दर करने की गारंटी नहीं देता है।
3. देश के 766 विभिन्न जनपदों से प्रकाशित समाचार पत्र/पत्रिका की प्रतियों को आरएनआई अथवा पत्र सूचना के 2 दर्जन भर कार्यालयों में 48 घंटों के अन्दर जमा करा पाना पूर्णतः अव्यवहारिक एवं प्रेस को अनावश्यक तरीके से बाध्य करने का प्रयास है।इस संबंध में यहां यह दर्शाना भी उचित होगा कि पहाड़ी इलाके सामान्यत वर्षा,लैंड स्लाइडिंग से कई कई दिन बंद भी हो जाते है।
4.उपरोक्त व्यवथा से पूर्व समाचार पत्रों की नियमितता एवम निरंतरता की जांच हेतु जिला सूचना कार्यालय जो कि जिला कलेक्टरों के अधीन है,में उपरोक्तानुसार समाचार पत्र जमा कराए जाने के साथ साथ माह के अंत में पी आई बी कार्यालय/आर एन आई कार्यालय में जमा कराए जाने का प्रावधान था,एवम उक्त व्यवस्था में पत्रकार समयानुसार समाचार पत्र भी जमा करा रहे थे किंतु उक्त एडवाइजरी से सभी पत्रकार असहज भाव एवम सकते में आ गए है,और काफी हद तक सरकारी नीतियों से आहत होने के बावजूद अपने कर्तव्यों का सरकार एवम देश के प्रति निर्वांहन कर रहे थे किंतु उक्त के पश्चात सभी प्रकाशक अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात महसूस कर रहे है।

अतःहमारा निवेदन है कि-
1. देश भर में सभी जनपदों से प्रकाशित समाचार पत्र/पत्रिकाओ की प्रति संबंधित जिला सूचना कार्यालय, प्रेस विभाग एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में जमा कराई जाती रहे और पीआरबी एक्ट,की धारा 11ए व 11बी के अन्तर्गत जिला सूचना कार्यालय/प्रेस विभाग अथवा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में जमा की गई प्रतियों को ही मान्य किया जाए।
2. ब्यूरो ऑफ आउटरीच कम्यूनिकेशन (पूर्व नाम डीएवीपी) द्वारा विज्ञापनों हेतु सूचीबद्ध समाचार पत्र/पत्रिका की प्रतियां बीओसी मुख्यालय अथवा पत्र सूचना कार्यालय में प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति 2023 के नियम सं. 8.3 के अन्तर्गत प्रतिमाह जमा कराई जाती है ऐसे प्रकाशनों के लिए बीओसी की नियमितता रिपोर्ट को मान्य किया जाए।
3. ऐसे समय में जब भारत डिजिटल क्रान्ति के मिशन मोड में है तथा भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अन्तर्गत बीओसी/आरएनआई के कार्यों का संपूर्ण डिजिटिलैसेशन किया जा रहा है ऐसे वक्त में आरएनआई द्वारा समाचार पत्र/पत्रिका की प्रिटिंग प्रति जमा कराया जाना वाला निर्णय हमे इसके ठीक विपरीत दिशा में ले जाने वाला और माननीय प्रधान मंत्री जी के सपनों के विरुद्ध है , अतः हम यह भी प्रस्ताव करते है कि बजाय फिजिकल फॉर्म में प्रति जमा कराने के ऑन लाइन समाचार पत्रों को अपलोड करने का प्रावधान किया जाए ताकि किसी भी प्रकाशकन को समाचार पत्र की नियमितता एवम निरंतरता के लिए अग्नि परीक्षा के लिए बाध्य ना होना पड़े।आशा है,आप संगठन के उपरोक्त प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही कराने के लिए यथा उचित निर्देश निर्गत कराने का कष्ट करेंगे।
इसके लिए संगठन आपका तहदिल से आभार प्रकट करेगा।
सादर।
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वास्ते इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रेस ऐन मीडियामैन

(डा.डी डी मित्तल)

राष्ट्रीय महासचिव,एवम
सदस्य, उत्तराखंड पत्रकार कल्याण कोष/मुख्य मंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना

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