देहरादून। उत्तराखंड राज्य में नगर निकाय चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। विगत 25 जनवरी को चुनाव परिणाम आने शुरू हुए पहले दिन उत्तराखंड राज्य के 11 नगर निगम में से 10 के परिणाम घोषित हुए, जो भाजपा के लिए ट्रीपल इंजन की सरकार लेकर आये, इनमें 9 मेयर भाजपा के विजय हुए जबकि एक पर निर्दलीय ने जीत दर्ज कराई। अगले दिन 26 जनवरी को देहरादून के मेयर का चुनाव परिणाम घोषित हुआ। यहां भी भाजपा की रिकॉर्ड मतों से जीत हुई। भाजपा के मेयर प्रत्याशी सौरभ थपलियाल ने जीत का एक नया इतिहास रच दिया। आज चुनाव परिणाम घोषित हुए पांच दिन बीत गये है, मगर अभी तक प्रशासन को यह याद नहीं आया कि लगभग डेढ़ वर्ष विलम्ब से जिस बोर्ड के चुनाव हुए हैं उसे शपथ ग्रहण भी करनी है। शपथ ग्रहण करने के उपरांत ही नगर निगम का निर्वाचित बोर्ड अपना काम काज शुरू कर पायेंगा, आखिर किस शुभ घड़ी का इंतजार है, जो विलम्ब का कारण बन रहा है। इस सवाल का जवाब ना ही जिम्मेदारो के पास है और ना ही नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के पास। सूत्रों का कहना हैं कि शपथ ग्रहण का बजट कहीं और लग गया है, जिस कारण नये बजट का इंतजार हो रहा है, वहीं यह बात भी सामने आ रही हैं कि दिल्ली चुनाव में सरकार ज्यादा व्यस्त हैं, जिस कारण शपथ ग्रहण को आगे टाला जा रहा है। दिल्ली चुनाव मैदान में भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी भी डटे हैं, जिस कारण यहां के नेताओं की भीड़ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उत्तराखंड के नेताओं के लिए शपथ ग्रहण इतना मायने नहीं रखता, जितना दिल्ली चुनाव। शपथ ग्रहण का क्या वो तो बाद में भी हो सकता हैं, जब चुनाव का डेढ़ वर्ष इंतजार कर सकते हैं तो शपथ ग्रहण का कुछ दिन और इंतजार नहीं कर सकते। दिल्ली चुनाव निमट जाये उसके बाद दिल्ली सरकार के साथ ही उत्तराखंड में भी नगर निगम का निर्वाचित बोर्ड के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर लेंगे। ये तो अपने घर की बात है। वैसे बताया तो यह भी जा रहा है कि देहरादून के नव निर्वाचित मेयर सौरभ थपलियाल बसंत पंचमी के दिन शपथ ग्रहण करना चाह रहे थे, लेकिन बड़े नेताओं के आगे उनके अरमान भी चकनाचूर हो गये। अब तो 100 वार्डों के नव निर्वाचित पार्षदों व मेयर सहित देहरादून वासियों को उस शुभ घड़ी का इंतजार है, जब शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।