जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य करने के निर्देश

बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने स्प्रिंगशेड एंड रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (सारा) के तहत प्राकृतिक जल स्रोतों, नौले-धारे और नदियों के जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने नदियों व प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन के लिए इंटरनल मेकैनिज्म विकसित कर वैज्ञानिक पद्धति से दीर्घकालिक योजना बनाने की सख्त निर्देश दिए। बुधवार को जिला कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर निर्धारित लक्ष्य व एकीकृत योजना के साथ जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने नौले-धारे और नदियों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए इन स्रोतों की सुरक्षा और पुनर्जीवन के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। जिलाधिकारी ने विभागों को बेहतर समन्वय स्थापित कर जल संरक्षण के प्रयासों को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। कहा कि विभागीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए इंटरनल मेकैनिज्म विकसित कर वैज्ञानिक पद्धति से दीर्घकालिक योजना बनायी जाय। वर्षा जल संरक्षण के लिए भी विभागीय स्तर पर लक्ष्य निर्धारण करते हुए सघन वृक्षारोपण, खंती, चाल-खाल, चेकडैम एवं अन्य जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि मनरेगा से कन्वर्जेंस करते हुए जल संरक्षण और संवर्धन संरचनाओं पर बल दिया जाय। जिलाधिकारी ने कृषि, उद्यान, सिंचाई, लघु सिंचाई, जल संस्थान व अन्य विभागों के अधिकारियों को जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में दीर्घकालिक योजना पर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि जल सर्वधन कार्यो से जुड़े स्वयं सेवी संस्थाओं और स्थानीय लोगों को भी इसमें शामिल किया जाए और सबके सुझाव और सहयोग लेकर जल स्रोत एवं क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुरूप जल संरक्षण कार्यो का क्रियान्वयन किया जाए।

About The lifeline Today

View all posts by The lifeline Today →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *