बदलाव प्रकृति का नियम !

अस्सी दशक पूर्व ,दुल्हा दुल्हन का शादी से पहले एक दूसरे का चेहरा देखना अपशगुन माना जाता था।मै चूंकि राजस्थानी परवेश में पढ़ा ,बड़ा हुआ,शादी भी 21 वर्ष में हो गई तब मैने बी कॉम किया था विरोध के बावजूद शादी हुई कारण मेरा चचेरा भाई जो मेरे से एक वर्ष छोटे थे कि शादी हो गई थी यही पिताजी की मुसीबत का कारण बन गई थी कि लोग ताने मारेंगे। खैर शादी तय हो गई मै यानि दुल्हा विली जीप से गया था बाकी बस में।इस शादी में कॉलेज के कई दोस्त,दो प्रोफेसर भी शामिल हुए।फोटो उस जमाने में ब्लैक एंड वाइट ही होती थी किंतु वह भी पर्दे के भीतर।मुझे वह घटना आज भी याद है जब मेरे एक मित्र ने फेरो के समय फोटो सेशन के दौरान पत्नी का पर्दा हटाने को कहा।वहीं ससुराल के घर का किराएदार (सवर्णकार)

बिगड़ गया कि आपकी हिम्मत कैसे हुई कि परदा हटा दें कह दिया,अपनी मां बहन का पर्दा हटवाओ ,दोनों तरफ से तलवारे खींच गई और पांच मिनट तक हंगामा होता रहा, मैं दुखी था ,मेरे मित्रों के साथ यह बर्ताव देखकर ,मै किंकर्तव्य विमुढ था,आखिर दिमाग काम किया और मैंने ससुर जी को इशारा करके बुलाया और कहा कि अगर पांच मिनट में उस आदमी को ना भगाया तो मै भाग जाऊंगा।बस इतना कहना था कि उनको पसीना आ गया और चिल्लाकर उस बवाली बंदे को भगाया और इस बात पर तैयार हुए कि आप एक फोटो पर्दा हटवाकर ले सकते है और वहीं एक मात्र फोटो हमारे एल्बम में खुले चेहरे की है।

अब आप प्रश्न करेंगे कि मेरी कहानी और मेरे भतीजे की शादी के वीडियो से क्या लेना देना,यही वह समाज के ताने बाने का परिवर्तन है ,जो परिवर्तन दिखता है और इस पर विराम लगने वाला भी नहीं है।इस वीडियो में भतीजा यस एवं बहु दिव्या दिल खोलकर डांस कर रहे हैं और करें भी क्यों नहीं आखिर इस विशेष दिन को ।हमारी शुभाशीष दोनों को सुखी एवं समृद्ध दाम्पत्य जीवन के लिए।

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