देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में श्री अन्न महोत्सव-2023 का शुभारंभ करते हुए मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया एवं कृषि विभाग उत्तराखण्ड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक ‘‘स्वाद के साथ स्वास्थ्य’’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह आयोजन ‘श्री अन्न’ को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन व दूरदर्शिता के कारण ही आज समस्त विश्व हमारे देश की परम्परागत फसलों के महत्व को समझ रहा है। भारत के प्रस्ताव पर ही ’’संयुक्त राष्ट्र संघ’’ ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ’’श्री अन्न’’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं है, जहां ’’श्री’’ होता है वहां समृद्धि, समग्रता और विजय होती है। इसलिए प्रधानमंत्री जी ने मिलेट्स को ’’श्री अन्न’’ की संज्ञा दी है। श्री अन्न में पौषणीय तत्व के साथ औषधीय गुण भी पाये जाते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन में सम्मिलित करने हेतु लगभग 73 करोड़ रुपए की धनराशि स्टेट मिलेट मिशन को दी गई है। जैविक कृषि के साथ-साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के 11 जनपदों में इस वर्ष से आरम्भ किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्राचीन काल से ही श्री अन्न की खेती होती थी। राज्य में किसानों से मंडुवे को एमसपी पर लेने एवं इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जो इन्सेन्टिव देने की व्यवस्था की गई है, वह सराहनीय है। कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य में मिलेट्स के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहे हैं। जैविक खेती के क्षेत्र में भी राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। इसके लिए उत्तराखण्ड को लगातार दो साल प्रथम पुरस्कार मिला है। इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, सुरेश गड़िया, किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत, किसान मोर्चा के अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह पुण्डीर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल समेत विभागीय अधिकारी और कृषक मौजूद रहे।