देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को राजभवन, में स्वामी रामतीर्थ के जीवन-दर्शन और ऐतिहासिक यात्रा पर आधारित दो पुस्तकों, ‘‘कॉस्मिक लव’’ और ‘‘प्रतापनगर टू टोक्यो’’, का विमोचन किया। इन पुस्तकों का संपादन स्वामी रामतीर्थ केंद्र, सहारनपुर के अध्यक्ष, आचार्य सर्वेश्वर प्रभाकर और आचार्य गंगेश्वर प्रभाकर द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने स्वामी रामतीर्थ केंद्र को बधाई देते हुए कहा कि ये पुस्तकें केवल साहित्य और शोध के क्षेत्र मेंयोगदान देने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी। उन्होंने कहा कि स्वामी रामतीर्थ के विचार और सिद्धांत वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं और वैश्विक शांति, प्रेम और एकता का संदेश देते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी रामतीर्थ केवल एक संत ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी विचारक, व्यावहारिक वेदांत के प्रचारक, कवि और वैश्विक प्रेम के दूत थे। स्वामी रामतीर्थ ने पूरी मानवता को विश्वप्रेम और अध्यात्म का संदेश दिया। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि उनकी यात्रा और शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरित कर रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी रामतीर्थ ने अपनी ऐतिहासिक यात्रा टिहरी के प्रतापनगर से प्रारंभ की, जो चीन, हांगकांग, सिंगापुर होते हुए जापान तक पहुंची। जापान में उन्होंने भारतीय अध्यात्म और व्यावहारिक वेदांत का प्रचार किया और भारत-जापान की सांस्कृतिक एकता को मजबूत किया। यह पुस्तक इस ऐतिहासिक यात्रा और उनके योगदान को एक बार फिर जीवंत करती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत और जापान के संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी। इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश शर्मा, विधि परामर्शी श्री अमित कुमार सिरोही, अध्यक्ष बालाजी धाम कालका श्री अमरदास जी महाराज, स्वामी रामतीर्थ केंद्र के अध्यक्ष, आचार्य सर्वेश्वर प्रभाकर, डॉ. रमन सिंह, डॉ. आभा प्रभाकर, डॉ. गंगेश्वर प्रभाकर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।