नई दिल्ली, 13 मार्च। भारतीय जन संचार संस्थान में सोमवार को ‘नारी शक्ति सम्मान समाराेह’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की महिला प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि संस्थान की स्थापना से लेकर वर्तमान तक इसके सुचारू संचालन में नारी शक्ति का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इसलिए उनका सम्मान करते हुए हमें गर्व का अनुभव होना चाहिए।
प्रो. द्विवेदी के अनुसार इच्छा शक्ति, कल्पना शक्ति, निर्णय शक्ति, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तपस्या और परिश्रम की पराकाष्ठा हमारी मातृशक्ति की पहचान है। देश का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में नारी शक्ति का ये सामर्थ्य भारत की अनमोल शक्ति है। यही शक्ति इस शताब्दी में भारत के स्केल और स्पीड को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि हम सभी का यह संकल्प होना चाहिए कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करें, जिससे वे अपनी इच्छानुसार, अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में निर्बाध रूप से आगे बढ़ती रहें। उन्होंने कहा कि पुरुष का संपूर्ण जीवन नारी पर आधारित है। कोई भी पुरुष अगर सफल है, तो उस सफलता का आधार नारी ही है।आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार हमें छोटे-छोटे उत्सवों को मनाने में संकोच नहीं करना चाहिए। उत्सव हमें आपस में जोड़ते हैं। हमें एक-दूसरे को जानने का अवसर देते हैं। इसलिए हमें सभी उत्सवों में भागीदारी करनी चाहिए, ताकि हम एक-दूसरे के सुख और दुख में हिस्सेदार बन सकें और समय पर एक-दूसरे के काम आ सकें।
कार्यक्रम में डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. सुरभि दहिया, प्रो. राकेश गोस्वामी, प्रो. संगीता प्रणवेन्द्र, डॉ. राकेश उपाध्याय, डॉ. रचना शर्मा, डॉ. पवन कौंडल, डॉ. रिंकू पेगू, श्रीमती नवनीत कौर सहित संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।इस अवसर पर डिजिटल मीडिया पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों द्वारा संस्थान में कार्यरत महिलाओं के योगदान पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन डॉ. प्रतिभा शर्मा ने किया एवं मंच संचालन डॉ. मीता उज्जैन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहायक कुलसचिव ऋतेश पाठक ने किया।’नारी शक्ति सम्मान समाराेह’ के क्रम में आईआईएमसी में सोमवार को ‘महिलाएं और कानून’ विषय पर एक विशेष संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसमें सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोड़ा ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा एवं अधिकारों से संबंधित विभिन्न कानूनों की जानकारी दी।