देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘‘ की भावना के तहत ओडिशा राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने ओडिशा राज्य के नागरिकों को पूरे प्रदेश की ओर से राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड में रह रहे ओडिशा के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति और कला की मनमोहक झलक प्रस्तुत की। राज्यपाल ने कहा कि ओडिशा अपनी लोक संस्कृति, कला और संगीत के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि ओडिशा के सुंदर समुद्री तट और प्राचीन मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पुरी में होने वाली जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा, वास्तुकला का अद्वितीय चमत्कार कोणार्क मंदिर और ‘मंदिरों का शहर’ भुवनेश्वर, यह सभी इस राज्य की समृद्ध परंपरा के परिचायक हैं। राज्यपाल ने कहा कि ओडिशा, प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील होने के बावजूद, आपदा प्रबंधन में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि ओडिशा ने बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवातों के लिए अच्छी तैयारी की है।
ऐसी योजनाएं अपनाई हैं कि यह अब तूफानों का सामना करने में सक्षम है, और जन-धन की हानि को काफी हद तक कम कर पाया है। राज्यपाल ने कहा कि भारत की विविधता ही उसकी शक्ति है। हर 20-25 किलोमीटर जाने पर पहनावा और व्यंजन बदल जाते हैं, भाषाएं और बोली बदल जाती हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और पहनावे पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” एक ऐसी पहल है जो हमें देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के साथ ही एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को मजबूत करने की सीख देती है। इस अवसर पर अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया एवं वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव भी उपस्थित रहीं।