मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने प्रदेश में ईको टूरिज्म और जड़ी-बूटी को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में बैठक ली

देहरादून – मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश में ईको टूरिज्म और जड़ी-बूटी को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र होने के कारण वन प्रदेश की आर्थिकी का महत्त्वपूर्ण संसाधन बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वनों को आर्थिकी से जोड़ने की आवश्यकता है। हम वनों एवं पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए ईको टूरिज्म और इनसे प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों के माध्यम से प्रदेश में रोजगार सृजन और आर्थिकी को सुधारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म की भांति जड़ी-बूटी को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में, जहां भी सम्भव हों, हर्बल विलेज स्थापित किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपदों में वन क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों की सम्भावनाओं को तलाशते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। हितधारकों से संवाद स्थापित कर के इस कार्य में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण पर कार्य किया जाए। इसमें वन पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय लोगों को साथ लेकर जड़ी बूटियों का उत्पादन 100 गुना या इससे भी अधिक बढ़ाए जाने की दिशा पर प्रयास किए जाएं।मुख्य सचिव ने कहा कि जड़ी बूटी के लिए रवन्ना व्यवस्था के सरलीकरण की आवश्यकता है। इसके लिए शीघ्र ही केन्द्र सरकार के नेशनल ट्रांजिट पास से इसे जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटियों के उत्पादन और चुगान के लिए श्रमिकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इसके लिए पूर्व के शासनादेशों का सरलीकरण भी किए जाने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों को आसान किया जा सके। उन्होंने कहा कि साथ ही साथ जनपद स्तरीय समितियों की वित्तीय एवं अन्य शक्तियों को बढ़ाया जाएगा।मुख्य सचिव ने चकराता वन प्रभाग में बनाए गए ईको टूरिज्म और ट्रेकिंग सर्किट ‘थड़ियार मार्च‘ के प्रस्तुतीकरण को देखकर इसी की तर्ज पर अन्य जनपदों में भी इस प्रकार के सर्किट विकसित किए जाने की बात कही।इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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