बट्टा खाता -2023
देहरादून – आज वर्ष 2023 का अंतिम दिन है और हम लोग पुरानी चीजों को भूलकर नए वर्ष में नई शुरुआत करने का संकल्प लेते है(रिजुलेशन)हैं ,किंतु कुछ ही दिनों में इसको भूल जाते हैं और फिर उन्हीं ख्यालात, कटुता एवं द्वेष रूपी रावण के चंगुल में फंस जाते है और इस हीरे जैसे जीवन को बरबाद कर लेते है। वास्तव एक जनवरी हमारा नव वर्ष नही है बल्कि यह तो अंग्रेजों को देन है, तथा हमारे सामाजिक संस्कार के तहत चैत्र की प्रतिपदा को प्रारंभ होता है ,किंतु हम इसमें से भी कुछ अच्छा निकाल लेते है आज।मुझे याद है स्वर्गीय खुशवंत सिंह भी हर वर्ष आचार ना खाने का संकल्प लेते थे किन्तु थोड़े दिन ही निभा पाते थे ,मै उनका ट्री इस फॉलिंग पढ़ता था ।डरना नही आज हम दूसरी तरह का संकल्प लेते है।
मेरा जन्म एक वैश्य परिवार में हुआ है और प्रतिवर्ष दिवाली के दिन हम अपने खातों की पूजा करते हैं ,पूजा से पूर्व से पूर्व वर्ष भर में जो भी लेनदेन होते हैं ,उसमें कुछ लेंन देन पूर्व से चलते आते है उनका हम विश्लेषण करते है और जब हम भविष्य भी निराशा भाव से देखते है तो उसे बट्टा खाता में डालकर आगे ले जाने की जहमत से बच जाते है और भविष्य में,प्राप्त करने का भाव भी छोड़ देते है। मुझे भी आज कुछ ऐसा ही संकल्प आ रहा है और यह संकल्प सिगरेट न पीना,शराब न पीना जैसा नहीं है। पहलें सामाजिक ताने बाने में लोग आपस में मिलते जुलते थे एक दूसरे के दुख सुख में आते जाते थे किन्तु अब बहुत छोटी-छोटी बातों में एक दूसरे से दूर होते जा रहे है ।छोटी सी बात लेकर आपसी कटुता , वैमानस्ता भाव पाल लेते यह खुद को ज्यादा नुकसान करते हैं बजाय दूसरे पक्ष के।जैसे ही हम में दूसरे के प्रति नकारात्मकता का भाव आता है,हमारा रक्तचाप तत्काल बढ़ जाता है और आपके नकारात्मक वाइब्रेशन दूसरे पक्ष के पास पहुंचते है और कई गुना बढ़कर आते है, और सिलसिला जारी रहता है,और समाज का असली वातावरण यहीं से बनता है। अतः आज साल के अंतिम दिन , यह संकल्प लेते हैं कि मेरे द्वारा मनसा वाचा कर्मणा अर्थात मन कर्म वचन आदि से किसी भी आत्मा को यदि कोई कस्ट हुआ है तो मैं क्षमा चाहता हूं और मैं यह मै यह भी संकल्प लेता हूं कि मैं मैं उन आत्माओं के प्रति कोई कटुता, कड़वाहट अथवा मैल मन में नहीं रखूंगा। इसी भाव के साथ आज मैं उनसे समस्त लेनदेन को बट्टे खाते में डालकर जीरो बैलेंस के साथ व्यवहार रखूंगा,यह संदेश मै उन आत्माओं तो भेजने का प्रयास भी करूंगा,शायद यह पॉजिटिव वाइब्रेशन उनके जीवन में भी एक दीपक बनकर लाखो दीपक जलाने का काम कर दे। ॐ शांति।
डॉ.डी डी मित्तल