रुद्रप्रयाग- आसाम राइफल में तैनात फलई गॉव निवासी शहीद कुलदीप सिंह भंडारी को आज सैकड़ो नम आंखो के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद को अंतिम विदाई देने सैकड़ो की संख्या में लोग उनके पैतृक घाट पहुंचे। भारत माता की जय, शहीद कुलदीप सिंह अमर रहे के नारों के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।आज प्रातः लगभग 6 बजे सेना की टुकड़ी शहीद के शव को लेकर उनके पैतृक गांव फलई पहुँची। तिरंगे में लिपटा शहीद का शव जैसे ही उनके घर पंहुचा वहां उपस्थित लोगों की आंखे भर आई। वेटे के शव को देख शहीद की 80 वर्षीय माँ शिवदेई देवी फफक-फफक कर रो पड़ी। शहीद की 37 वर्षीय पत्नी रजनी बेसुध हो गई। पिता के शरीर पर बिलखते अबोध बच्चों को इस घटना ने झकझोर कर रख दिया।“वंदे मातरम”, “भारत माता” की जय” और “शहीद कुलदीप अमर रहे” के नारों के बीच तिरंगे से लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को विजयनगर स्थित पैतृक घाट ले जाया गया।
फलई गांव स्थित उनके घर से उनकी पार्थिव देह को सेना की गाड़ी में यहां लाया गया था। अंतिम संस्कार से पहले, शहीद के पार्थिव शरीर पर भारतीय सेना, ग्रेनिडियर और असम राइफल की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई। जवानों ने तीन राउंड फायरिंग कर शहीद को श्रद्धाजंली दी गई। प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि के रुप में उपस्थित राजस्व उपनिरीक्षक भरत सिंह बर्त्वाल ने श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। शहीद के 15 वर्षीय पुत्र आयुष ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले के विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के फलई गांव निवासी कुलदीप सिंह भंडारी शुक्रवार सुबह ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर शिलांग असाम से शाम को जोलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहाँ से उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से उनके घर लाया गया।असम राइफल से आए जवान दिनेश सिंह, मनोज सिंह और महावीर सिंह द्वारा शहीद के पुत्र आयुष को तिरंगा सौंपा गयि व दो मिनट का मौन धारण कर शहीद को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।