नोएडा – चुनावी राजनीति में प्रवेश के बाद करीब ढाई दशक से बहुमत की सरकारों की कमान संभालने वाले नरेंद्र मोदी बतौर पीएम अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे। नई सरकार में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू और जदयू मुखिया व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजबूत दखल होगा। उन्हें इस दौरान लोकसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले 12 सहयोगी दलों से भी तालमेल बना कर चलना होगा।गौरतलब है, वर्ष 2001 में अचानक गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए नरेंद्र मोदी ने राज्य में तीन बार बहुमत वाली सरकार का नेतृत्व किया। इसके बाद जब राष्ट्रीय राजनीति में आए तब दो बार केंद्र में बहुमत की सरकार की कमान संभाली। भाजपा के अपने दम पर बहुमत से चूकने के कारण करीब 23 साल बाद पीएम पहली बार गठबंधन की सरकार के मुखिया होंगे।
बड़े एजेंडे पर संशय
भाजपा की योजना प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना कर पूरे देश में यूसीसी लागू करने, सभी तरह के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में आगे बढऩे की थी। हालांकि गठबंधन सरकार होने के कारण यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन अहम एजेंडे पर कैसे आगे बढ़ती है। गौरतलब है कि इससे पहले गठबंधन सरकार की मजबूरियों के कारण वाजपेयी सरकार ने अनुच्छेद 370, राम मंदिर और यूसीसी को अपने एजेंडे से बाहर कर दिया था।