गणतंत्र दिवस संविधान निर्माण का पर्व : मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की संकल्पना को साकार करते हुए देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। प्रधानमंत्री जी के इस प्रेरणादायी कथन से उत्तराखण्डवासियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के विकास के दृष्टिगत प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि में समान नागरिक संहिता को भी लागू करने की तैयारी में हैं। उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश में पहला राज्य बनने जा रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि है, हमारी देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेलो तथा खिलाड़ियों को बेहतर अवसर प्रदान करने वाले साबित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार के साथ उद्योगों के अनुकूल वातावरण का सृजन किया जा रहा हैं। निवेश में रोजगार को प्रमुखता दी गई है। राज्य में सरकारी क्षेत्र में पिछले तीन साल में विभिन्न विभागों में 19 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी है। जबकि शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए निवेशकों ने जो उत्साह दिखाया है, आने वाले समय में इससे स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन तेजी से बढ़ेंगे और पलायन पर भी नियंत्रण होगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की अन्य गतिविधियों पर भी तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।

कुमांऊ मण्डल में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। धार्मिक पर्यटन को बढावा देने तथा आर्थिकी की मजबूती के लिये शीतकालीन यात्रा की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विगत वर्षों में राज्य हित में अनेक ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं, जो विगत 24 वर्षों में संभव नहीं हो पाये थे। एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर पांच हजार हेक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिये सर्वाेपरि है।

राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और जनसंतुष्टि के मूलमंत्र पर चलते हुए अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु विकल्प रहित संकल्प के साथ संकल्पबद्ध है।मुख्यमंत्री ने रजत जयंती वर्ष में विकसित उत्तराखण्ड के साथ, एक भारत, श्रेष्ठ भारत एवं आत्मनिर्भर भारत के महाअभियान में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रण लेने की भी सभी से अपेक्षा की है।

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