देहरादून। उत्तराखंड राज्य मे 18 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के लिए तैयारियां पूरी कर ली है। सत्र के लिए 30 विधायकों की ओर से अब तक 521 सवाल भेजे गए। जो सदन को गरमाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि पहली बार राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन के तहत तकनीकी का इस्तेमाल कर सत्र संचालित किया जाएगा। लेकिन सत्र पूर्ण रूप से पेपरलेस होगा, यह अभी संभव नहीं है। धीरे-धीरे पेपरलेस की तरफ बढ़ेंगे। 8 फरवरी को सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ई-नेवा की शुरूआत करेंगे। सदन में सभी विधायकों के बैठने के स्थान पर कंप्यूटर टैब लगाए गए हैं।
सत्र पूर्ण रूप से पेपरलेस होगा यह अभी संभव नहीं है। नियम 310 व 58 की सूचनाएं को अभी टैब पर नहीं डाल सकते हैं। लेकिन सदन का एजेंडा, प्रश्न व उनके जवाब टैब पर उपलब्ध होंगे। सत्र कितने दिन चलेगा यह सरकार तय करती है। विधानसभा अध्यक्ष का काम सत्र को सुचारु रूप से चलाना होता है। सदन चलाने के लिए जितना बिजनेस होता है, उसी आधार पर सत्र चलता है। जब बिजनेस पांच दिन सत्र चलाने का होगा, तो 10 दिन चलाना उचित नहीं है। ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा, अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से प्रदेश में सार्वजनिक नीतियों व गर्वेनेंस पर काम किया जाएगा।
इससे प्रदेश सरकार की सार्वजनिक नीतियों पर शोध व अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान दिया। विधानसभा परिसर में नए भवन से इस संस्थान की शुरूआत करने जा रहे हैं। इस संस्थान के माध्यम से प्रदेश के विश्वविद्यालय व अन्य केंद्रीय संस्थान नीतियों पर शोध व अध्ययन कर सकेंगे। इसकी शुरूआत आईआईटी रुड़की, गढ़वाल व कुमाऊं विवि से करेंगे। एक माह के भीतर संस्थान की जानकारी देने के लिए बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा। जिसमें पूरे प्रदेश के विवि को आमंत्रित किया जाएगा।