लोकसभा स्पीकर: संसदीय इतिहास की परंपरा टूटने के कगार पर

नई दिल्ली – लोकसभा अध्यक्ष पद के सवाल पर देश में बीते 72 साल से चली आ रही परंपरा टूटने के कगार पर है। विपक्षी गठबंधन-इंडिया उपाध्यक्ष पद नहीं मिलने पर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जबकि भाजपा की अगुवाई वाला राजग इस मुद्दे पर विपक्ष से समझौते के मूड में नहीं है। ऐसे में अगर बुधवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की नौबत आई तो सर्वसम्मति से इस पद पर होने वाली निर्वाचन की  बीते 17 लोकसभा से जारी परंपरा टूट जाएगी।

आज का दिन अहम : अध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को 12 बजे तक नामांकन होना है। इसका अर्थ है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के उम्मीदवारों का इसी दिन नामांकन से पहले पता चलेगा। इसी दिन यह भी तय हो जाएगा कि अध्यक्ष के लिए आम सहमति की परंपरा कायम रहेगी या टूट जाएगी।

क्यों अड़ा विपक्ष?
विपक्षी गठबंधन को पता है कि दोनों पद के मामले में संख्या बल सरकार के साथ है।

. विपक्ष की उम्मीदें सत्ता पक्ष में फूट पड़ने पर टिकी है। वह अध्यक्ष पद पर चुनाव के जरिये शक्ति प्रदर्शन करना चाहता है।

. इसके लिए विपक्षी गठबंधन  राजग के इतर विभिन्न दलों और निर्दलीय चुनाव जीत कर आए 13 सांसदों को साधने की कोशिश में जुटा है।

About The lifeline Today

View all posts by The lifeline Today →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *