देहरादून – उत्तराखंड सरकार की तरफ से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए बनाया गया, एक्सपर्ट पैनल आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार दिन का विशेष सत्र पहले ही बुलाया जा चुका है। ये विशेष सत्र पांच से आठ फरवरी तक चलेगा।इसे विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मसौदे पर चर्चा की जाएगी, साल 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था। इस पर कानूनी पारित होने से बीजेपी का एक बड़ा वादा पूरा हो जाएगा, बीजेपी ने लगातार दूसरी बार भारी जीत के साथ सत्ता में वापसी की थी। साल 2000 में बने इस राज्य में ये पहला मौका है जब कोई सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में वापस आई है।यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनी थी। इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा, बता दें कि गोवा में ये पुर्तगाली शासन के दिनों से ही लागू है।
यूसीसी सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों को एक जैसा बनाता है। ये कानून सभी धर्मों के नागरिकों पर एक समान लागू होगा। यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर रही कमेटी में सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल भी शामिल हैं। इस कमेटी को ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए चार बार विस्तार दिया गया है। पिछली बार कमेटी को 15 दिन का विस्तार दिया गया था।अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए पैनल को 15 दिन का यह विस्तार दिया गया था। ड्राफ्ट तैयार करने के दौरान कमेटी को 2.33 लाख लिखित सुझाव मिले और 60 बैठकें हुईं, कमेटी के सदस्यों ने लगभग 60,000 लोगों से बातचीत की।