लखनऊ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित अग्निशमन सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण के लिए 38 अग्निशमन केंद्रों का लोकार्पण/शिलान्यास एवं 35 अग्निशमन वाहनों के फ्लैग ऑफ किया।सीएम योगी ने कहा कि अग्निशमन विभाग की इमरजेंसी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने लगभग 1400 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं, संकट के समय अग्निशमन सेवाओं की भूमिका से सभी भलीभांति परिचित हैं। इसको ध्यान में रखकर साल 1944 में प्रदेश में विभाग का गठन किया गया। साल 1944 से 2017 के बीच 73 वर्षों में केवल 288 फायर स्टेशन स्थापित किये गये, जबकि पिछले 7 वर्षों में 71 नए फायर स्टेशन स्थापित किए गये। आज हम प्रदेश में तेजी के साथ तहसील स्तर पर एक-एक फायर स्टेशन स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश पूरे देश में ऐसा राज्य होगा, जहां तहसील स्तर पर फायर स्टेशन होंगे। हमने कानून व्यवस्था में व्यापक रिफॉर्म के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है, साथ ही उनके आधुनिकीकरण के लिए समयबद्ध तरीके से कार्यक्रम आगे बढ़ाए गए हैं। उसी का परिणाम है कि प्रदेश में आज अग्निशमन विभाग प्रदेश की इमरजेंसी सेवाओं में एक बेहतरीन सेवा प्रदान करने के लिए अपने आप को तैयार कर रहा है। हमने विभाग की सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अब तक लगभग 1400 करोड़ रुपये दिये हैं, यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित अग्निशमन सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण के लिए 38 अग्निशमन केंद्रों का लोकार्पण, शिलान्यास और 35 अग्निशमन वाहनों के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में कही, इस दौरान सीएम योगी ने विभाग की ओर से लगाई गयी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सात सालों में विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, साथ ही समयबद्ध तरीके से विभाग में अधिकारियों की तैनाती की गई है, इसके परिणाम सभी के सामने हैं। पहले अक्सर उद्यमी एनओसी को लेकर शिकायतें करते थे, हमने उसमें कई बदलाव कर उसे सरल किया। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है।वही कार्यकर्म में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, महानिदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवा अविनाश चंद्र भी शामिल हुए।