देहरादून – श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में स्थानीय किसानों एवम् लघु उद्यमियां के लिए किसान मेला-2023 का आयोजन किया गया। लघु एवम् सूक्ष्म उद्योग, खादी एवम् ग्रामोद्योग, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र-कल्याण मंत्री चन्दन राम दास ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण के उद्देश्य में एक महत्वपूर्णं उद्देश्य स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देना भी रहा है। उत्तराखण्ड की पहाड़ी कृषि, पशुपालन व जड़ी बुटी उद्योग को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार हमेशा प्रयत्नशील रही है। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी व उसका सीधा लाभ मिल रहा है। कृषक व लघु उ़द्यमी किसानी के आधुनिक मॉडल से जुडें। खादी की उपयोगिता व महत्व को आत्मसात करना होगा। आज खादी एक वस्त्र नहीं विचार है। खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से सरकार राज्य में रोजगार कि अवसर भी दे रही है। यह बात लघु एवम् सूक्ष्म उद्योग, खादी एवम् ग्रामोद्योग, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र-कल्याण मंत्री चन्दन राम दास ने गुरु राम राय विश्वविद्यालय में किसान मेला-2023 के उद्घाटन अवसर पर कही।
मंगलवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पथरी बाग कैंपस में कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार चन्दन राम दास ने एक दिवसीय किसान मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कृषि विभाग को किसान मेला-2023 के आयोजन हेतु बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के किसान मेले किसानों को आधुनिक मांग व बाजार की कार्यप्रणाली से सीधा जोड़ते हैं, लघु उद्यमियों को मंच प्रदान करते हैं जहां पर वे अपने उत्पादों की जानकारी सीधा बाजार व उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा खेती के नुकसान पर चिंता जाहिर की। कहा कि पहाड़ों में ऐसी फसलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिन्हें जंगली जानवर, बंदर व सूअर इत्यादि नष्ट न कर पाएं। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ) उदय सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से मेले में किसानो एवम उद्यमियों को 50 से अधिक स्टाल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए गए। किसान मेले में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक किसानी की बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय में हर साल किसान मेले का आयोजन किया जाएगा।
कृषि संगोष्ठी में किसानों को आधुनिक कृषि की बारीकियों से रूबरू करवाया गया। किसान मेले में पहाड़ी व्यंजन जैसे मंडुए की रोटी, पहाड़ी राजमा, झंगोरे की खीर जैसे उत्पाद लोगों ने भरपूर पसंद किए। पशु चिकत्सकों ने किसानों को पशुओं की देखरेख व बीमारियों से बचाव की जानकारी दी। भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने किसानों व लघु उद्योग शुरू किए जाने के बारे में सरकारी योजनाओं से अवगत करवाया। किसान मेले में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार खण्डूडी, समन्वयक डॉ आर.पी. सिंह, कृषि विभाग की डीन डॉ प्रियंका बनकोटी, किसान मेला के कार्यक्रम समन्वयक डॉ दीपक सोम, विजय नौटियाल, विजय गुलाटी, मनोज तिवारी सहित सभी विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदस्य, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में किसान, लघु उद्यमी व दूनवासियों ने प्रतिभाग किया।