देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून में राज्य के मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया एवं फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 05 पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विशिष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक प्रदान किया। उन्होंने राज्यहित में 13 घोषाणाएं भी की। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि वर्षभर भवन निर्माण सामग्री ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से सीधे घर तक पहुंचाने के लिए एक ’’खनिज प्रसंस्करण पोर्टल’’ बनाया जाएगा, जिससे एक ओर इन खनिजों की कालाबाजारी रूकेगी, वहीं लोगों को भी सस्ते खनिज पदार्थ आसानी से मिल सकेंगे। उन्होंने दुर्गम इलाकों में गर्भवती माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए “मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा सुरक्षा योजना” प्रारंभ करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत विषम परिस्थितियों में गर्भवती माताओं-बहनो को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने राजकीय स्कूलों में कक्षा 1- 12 तक के छात्रों को हिंदी/अंग्रेजी दोनों माध्यमों में निःशुल्क पुस्तक उपलब्ध कराने और अग्निवीर योजना के विरोध में शामिल युवा (स्कूल/कालेजों में पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों) पर लगे मुकदमें वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने राज्य के प्रमुख चौराहों/सड़कों का नामकरण राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों, साहित्यकारों और महान विभूतियों के नाम पर करने एवं कुटीर उद्योगों तथा स्वरोजगार को बढ़ावा देने और इनके उत्पादों की बिक्री हेतु ’’यूनिटी मॉल’’ की स्थापना करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में एकल, निराश्रित, परित्यक्ता एवं विधवा महिलाओं को उनके निवास स्थान पर ही रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु ’’मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना’’ प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के नगरों को विकसित करने के उद्देश्य से ’’मुख्यमंत्री पर्वतीय नगर विकास योजना’’ के अंतर्गत दोनों मंडलों में एक-एक शहर को ’’मॉडल सिटी’’ के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए उचित शिक्षा एवं संतुलित पोषण सुनिश्चित करने हेतु मोबाइल स्कूल और मोबाइल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि की जायेगी। उन्होंने कहा कि मां यमुना किनारे स्थित प्राचीन नगर “हरिपुर” विकासनगर क्षेत्र को उसका ऐतिहासिक और पौराणिक स्वरूप दिलाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी और जनजातीय संस्कृति के संर्वधन हेतु शीघ्र ही राष्ट्रीय जनजातीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत गांव के जनजातीय इलाकों में “एकलव्य स्कूलों” की संख्या में वृद्धि करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा। एक से अधिक प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए प्रतियोगिओं के कारण रिक्त हुए पदों पर प्रतीक्षा सूची के आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र के प्रति समर्पण का एक नया भाव जागृत हुआ है तथा उन्हीं के दिशा-निर्देशन में हमारा देश आज पहले से कहीं अधिक संगठित, सशक्त और सुरक्षित हो रहा है। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।