देहरादून।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सीमाद्वार स्थित इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस (ITBP) परिसर में 62वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समारोह के लिए गुरुवार देर रात ही केंद्रीय गृह मंत्री देहरादून पहुंच गए थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमवीरों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। साथ ही उत्तराखंड के प्रथम गांव से आए नागरिकों का भी अभिवादन किया।उन्होंने कहा कि दीपावली पर लोग घर में दीप जलाते हैं, तब एक दिया सरहदों पर तैनात सैनिकों के शौर्य और साहस के सम्मान में भी जलाते हैं। देश के लोग चैन की नींद तभी ले पाते हैं क्योंकि सैनिक अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर गुजारते हैं।उन्होंने कहा कि आपकी सेवा,त्याग और बलिदान का कोई मूल्य नहीं।पूरा देश इस जज्बे को सलाम करता है।उन्होंने बताया कि हिमविरों की मांग पर रेल व हवाई यात्रा में टिकट रिजर्वेशन का कोटा लागू किया जा रहा है।सात नई बटालियन व एक सेक्टर हेडक्वार्टर अस्तित्व में आ रहा है।जिससे हिमवीरो पर काम का दबाव भी कम होगा।कहा कि आईटीबीपी को लोग शौर्य,दृढ़ता व कर्तव्य निष्ठा के लिए जानते हैं।
सीमा सुरक्षा में सबसे कठिन क्षेत्र में आप सबसे अच्छा काम कर रहे हैं।देश निश्चिंत है कि आपके रहते कोई एक इंच भूमि भी हमसे नहीं ले सकता।वाइब्रेंट विलेज की अवधारणा पर बोलते कहा कि सरहद के गांव खाली होंगे तो सुरक्षा की चुनौतियां भी बढ़ेंगी।सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास बिना देश सुरक्षित नहीं रह सकता।अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतिम गांव को प्रथम गांव माना है।इन गांव को हर स्तर पर सशक्त बनाना है।हिमविर भी इसमें सहयोग करें।सीमावर्ती क्षेत्रों में अवस्थपना विकास पर तेजी से काम हो रहा है।2014 से पहले इन क्षेत्रों में जितना बजट खर्च होता था आज उसका तीन गुना खर्च किया जा रहा है।आंतरिक सुरक्षा मजबूत हुई है।देश के सामने तीन प्रमुख चुनौतियां थी। कश्मीर,नक्सल प्रभावित क्षेत्र और उत्तर पूर्वी क्षेत्र।धारा 370 हटने के बाद आतंकवाद पर लगाम लगी है।नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थिति 80 प्रतिशत बेहतर हुई है।उत्तर पूर्वी राज्यों में भी स्थिति संभाली है।