देहरादून।मंगलवार राजभवन में ‘शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार‘ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्ष 2022 में शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों को सम्मानित किया।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैक्षिक पुरस्कार सम्मान राशि को ₹10 हजार से ₹21 हजार किये जाने की भी घोषणा की। राज्यपाल सिंह ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात उनका दायित्व और भूमिका और भी बढ़ गई है। पुरस्कार के लिए चयनित उत्कृष्ट शिक्षक अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमारी परंपराओं में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वे माता-पिता के बाद बच्चों के सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं। हम सभी को जो ज्ञान प्राप्त होता है वह गुरु की ही कृपा से संभव होता है।उन्होंने कहा कि शिक्षक ही बच्चों के भविष्य को सही दिशा में ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी शिक्षकों के मार्गदर्शन में स्वर्णिम भारत का निर्माण हो रहा है। शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही हमारे विद्यार्थी शिक्षा, ज्ञान और अपने कौशल के बल पर भारत को सशक्त, समृद्ध और विश्वगुरु के रूप में पुर्नस्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे अपनी मौलिक जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित कर एक ऐसी नई पीढ़ी का निर्माण करें, जो ज्ञान और विवेक के सामंजस्य से परिपूर्ण हो ताकि वह आज की सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान कर सकें।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई शिक्षा नीति हमारे बच्चों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने का एक प्रयास है, जिसे विभिन्न हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है। जिसमें हमारे शिक्षकों की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही शिक्षकों को सक्षम बनाने हेतु सभी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके और छात्रों को भी नई तकनीकों में निपुण किया जा सके।कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी विचार रखे।कार्यक्रम में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरु एवं शिक्षा विभाग के अन्य उच्च अधिकारीगण और पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक उपस्थित रहे।