देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं के ‘सम्मान समारोह’ कार्यक्रम में प्रतिभाग कर राज्य सरकार की ओर से 94 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी मेधावियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें गर्व का अनुभव हो रहा है, आज वे प्रदेश के उन सर्वश्रेष्ठ बच्चों से मिल रहे हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर यह दिखाया है कि शिखर पर जाने के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षा से जीवन की सभी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। शिक्षा में भक्ति जैसी सारगर्भिता होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र के माध्यम से ही जीवन में हमेशा परीक्षा नहीं आती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश में विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए युग की नई चुनौतियों से निपटने के लिए नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है। नई शिक्षा नीति से जहां एक ओर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे वहीं इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे।इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत , शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अमर उजाला के सलाहकार सम्पादक उदय सिन्हा, अमर उजाला के राज्य सम्पादक संजय अभिज्ञान, कुलपति एवं अन्य गणमान्य मौजूद थे।