नई दिल्ली – भारत को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा है कि 20 साल बाद भारत में चांदीपुरा वायरस का सबसे बड़ा प्रकोप सामने है। इस साल जून से लेकर बीते 15 अगस्त तक भारत में तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 245 मामले सामने आए हैं, जिनमें 82 मरीजों की मौत हुई। इस बीमारी की मृत्यु दर 33% दर्ज की है जो कोरोना वायरस की तुलना में करीब 33 गुना ज्यादा है। इन्हीं 245 में से 64 मरीजों में चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह स्थिति तब है जब भारत में चांदीपुरा वायरस का संक्रमण खत्म होने के कगार पर है, लेकिन मौजूदा प्रकोप पिछले 20 वर्षों में सबसे बड़ा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2003 में आंध्र प्रदेश में एईएस का बड़ा प्रकोप सामने आया, जिसमें 329 मामले और 183 मौत हुईं।
फिलहाल भारत से बाहर जाने के साक्ष्य नहीं
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अन्य देशों में सीएचपीवी संक्रमण का पता नहीं चला है। यह एशिया और अफ्रीका के अन्य देशों में मौजूद हो सकता है। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भारत से दूसरे देशों की यात्रा करने वालों में यह वायरस पाया गया है।डब्ल्यूएचओ ने फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर इस संक्रमण जोखिम को मध्यम बताते हुए कहा है कि प्रकोप की स्थिति बढ़ने पर जोखिम मूल्यांकन की समीक्षा की जाएगी।